हत्या का आरोपी, भोजपुरी फिल्म का विलेन, शूटिंग से पकड़ा गया
परदे पर विलेन की भूमिका निभा रहा सनोज पाण्डेय असल जिंदगी का भी विलेन निकला। फिल्म की शूटिंग के दौरान सेट से ही गोरखपुर की कैंट पुलिस ने गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। वह हत्या के मामले में पिछले दो साल से फरार चल रहा था।
बिहार, सीवान के दरौली थाने के नेपुरा गाव निवासी सनोज ने अपने गांव के मुरली मनोहर पाण्डेय को गोलियों से भून दिया था। हत्या के बाद वह गोरखपुर में फरारी काट रहा था। यहां पर उसने प्रापर्टी डीलिंग का काम भी शुरू किया था। इस बीच उसे भोजपुरी फिल्म ‘तुमसे अच्छा कौन है’ में विलेन का रोल मिला था जिसे वह असली राइफल के साथ निभा रहा था। किसी ने पुलिस को इसकी खबर कर दी और फिर वह राइफल सहित शिकंजे में आ गया।
सीओ कैंट सुमित शुक्ला ने बताया कि गोरखपुर कुड़ाघाट स्थित राणा प्रताप सिंह के मकान में भोजपुरी फिल्म की शूटिंग चल रही थी। कैंट इंस्पेक्टर रवि राय को मुखबिर से सूचना मिली कि फिल्म में विलेन बना सनोज पाण्डेय असली राइफल के साथ रोल निभा रहा है इससे कोई घटना हो सकती है।
एसएसआई कैंट नवीन कुमार सिंह चौकी इंचार्ज इंजीनियरिंग कालेज दीपक कुमार सिंह सहित अन्य पुलिसर्किमयों के साथ मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर रवि राय ने सनोज को राइफल के साथ पकड़ लिया। वह राइफल का लाइसेंस नहीं दिखा पाया। पूछताछ के बाद पता चला कि वह बिहार, सीवान दरौली का रहने वाला है। अपने गांव के मुरली मनोहर पाण्डेय की हत्या में मुल्जिम है। गिरफ्तारी न होने पर उसके घर की कुर्की तक हो चुकी है। सीओ कैंट ने बताया कि इस मामले में बिहार पुलिस से बात की गई तो पता चला उसके खिलाफ हत्या के अलावा जालसाजी का भी एक केस दर्ज है। मानवाधिकार आयोग का फर्जी बोर्ड लगाकर वह चलता था।
विलेन बनने के साथ प्रापर्टी डीलिंग का भी करता था काम
मैं 2010 से गोरखपुर में रहता हूं, यहां बहरामपुर इलाके में प्रापर्टी डीलिंग का काम करता हूं। शाहपुर के बिछिया में किराये पर रहता हूं। बशारतपुर में मकान बनवा रहा हूं। गांव के मुरली मनोहर पाण्डेय की मौत दोनों तरफ से हुई क्रास फायरिंग में हुई थी। वर्ष 2018 की यह घटना है। घटना के वक्त मैं गोरखपुर में ही था। पर पुलिस ने मुझे मुल्जिम बना दिया। मेरे पिता जेल में गए थे, कुछ दिन पहले उनकी जमानत हुई है। मैं भी सरेंडर करने की तैयारी कर रहा था कि इस बीच पत्नी बीमार पड़ गई। मानवाधिकार आयोग का फर्जी बोर्ड लगाकर चलने के मामले में भी फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया है। मेरी गाड़ी अध्यक्ष के साथ लगी थी। पुलिस ने गाड़ी पकड़ लिया वह आज भी थाने में सीज है।
अश्वनी के नाम से है राइफल उन पर भी केस
सनोज के पास से पुलिस ने जो राइफल बरामद किया वह गोरखुपर के गोला थाना क्षेत्र के चंदौली गांव निवासी अश्वनी दुबे पुत्र श्याम मुरारी दुबे के नाम से है। अपनी लाइसेंसी राइफल किसी दूसरे को देने के मामले में अश्वनी दुबे पर भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। अभियुक्त सनोज ने बताया कि अश्वनी साथ ही में थे, उनकी पत्नी की तबीयत खराब हाने की सूचना मिली तो वह जल्दबाजी में चले गए और राइफल मेरे पास छूट गया।